बिहार पर्यटन नीति 2023
बिहार ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं भौगौलिक दृष्टि से समृद्ध राज्य है जहां पर्यटन के पारंपरिक रूपों के अलावा इको टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, एक्जीबिशन टूरिज्म, सप्ताहांत टूरिज्म, ग्रामीण टूरिज्म की काफी संभावना है लेकिन अवसंरचनात्मक सुविधाएं, वित्तीय संसाधनों की कमी तथा बेहतर नीति के अभाव में पर्यटन क्षेत्र का बेहतर विकास नहीं हो पाया है इसी को समझते हुए दिसम्बर 2023 में बिहार सरकार द्वारा बिहार पर्यटन नीति 2023 को लाया गया ।
मुख्य प्रावधान
वित्तीय प्रोत्साहन
- 10 करोड़ रुपए तक के निवेश हेतु 30% की सब्सिडी।
- 50 करोड़ रुपए तक के निवेश हेतु 25% की सब्सिडी।
- 50 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश पर 25% की सब्सिडी (अधिकतम सीमा 25 करोड़ रुपए) ।
अन्य वित्तीय सुविधा
- भूमि के पट्टे, बिक्री, हस्तांतरण में स्टांप शुल्क तथा पंजीकरण शुल्क पर एक मुश्त 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की सुविधा।
- 5 वर्ष तक वाणिज्यिक संचालन पर वस्तु और सेवा कर (GST) की 80% प्रतिपूर्ति।
- नई पर्यटन इकाइयों हेतु 5 वर्षों तक विद्युत शुल्क की 100% प्रतिपूर्ति।
- सूचीबद्ध होटल, रिसार्ट, टूर ऑपरेटर को पर्यटक गाइडों किए गए मासिक भुगतान का 5% प्रतिपूर्ति।
- किसी अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त एजेंसी से हरित प्रामाणीकरण प्राप्त करने पर 10 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
- वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने पर 50 प्रतिशत, दो वर्ष पूरा होने पर 25 प्रतिशत तथा पाँच वर्ष होने पर 25 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
बिहार पर्यटन नीति 2023 का प्रमुख लक्ष्य बिहार को देश का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरण पर्यटन केंद्र बनाना तथा पर्यटन स्थलों पर लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है । यह उम्मीद है कि यह नीति बिहार को पर्यटन क्षेत्र में 10 हजार करोड़ का निवेश आकर्षित करने में मदद करेगी। इस प्रकार बिहार में पर्यटन हेतु आधारभूत संरचनागत समग्र समावेशी विकास एवं निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए नीति में अनेक प्रावधान किए गए जो निम्न प्रकार से बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक हो सकते हैं।
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पर्यटन को बढ़ावा हेतु संभावनाएं
- नई नीति में निवेशकों के लिए कई वित्तीय प्रोत्साहन शामिल है जो बिहार में पर्यटन अवसंरचना निवेश को प्रोत्साहन देकर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में सहायक होगा।
- नई नीति में भूमि रूपांतरण शुल्क, स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क पर प्रतिपूर्ति की सुविधा से पर्यटन स्थलों के आस-पास होटलों, रेस्तरा, पर्यटन सुविधा केन्द्र आदि के विकास को बढ़ावा मिलेगा जिससे पर्यटकों को सुरक्षित एवं बेहतर माहौल उपलबध होगा।
- नई नीति द्वारा विभिन्न स्तरों पर दी गयी सब्सिडी से राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश का अनुमान है जो सड़क, संचार, सुरक्षा, परिवहन जैसी अवसंरचनाओं में सुधार लाएगी।
- सूचीबद्ध होटल, रिसार्ट, टूर आपरेटर को पर्यटक गाइडों की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था से बिहार आनेवाले पर्यटकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलने से बिहार आनेवाले वर्षों में विदेशी और घरेलू पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
- नीति में पर्यटक होटलो, रिसार्ट, टूर आपरेटरों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त एजेंसी से हरित प्रमाणीकरण प्राप्त करने पर वित्तीय सहायता के प्रावधान से बिहार में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
कोरोना काल के कुछ वर्ष को छोड़ दिया जाए तो कोरोना के पूर्व बिहार विदेशी पर्यटकों की श्रेणी में भारत में 9वें जबकि घरेलू पर्यटकों की श्रेणी में 15वें पायदान पर था तथा इस नीति के माध्यम से विदेशी पर्यटकों के मामले में बिहार को देश के टॉप-5, जबकि देसी पर्यटकों के मामले में टॉप-10 राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य है।
प्रश्न- बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने में बिहार पर्यटन नीति 2023 किस प्रकार सहायक है। चर्चा करें ।
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