GEOGRAPHY

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विश्‍व रोजगार एवं सामाजिक आउटलुक 2024

विश्व रोजगार और सामाजिक आउटलुक: रुझान 2024

विश्व रोजगार और सामाजिक आउटलुक: रुझान 2024 जनवरी 2024 में अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन द्वारा विश्व रोजगार और सामाजिक आउटलुक: रुझान 2024 रिपोर्ट जारी की गयी जिसमें बताया गया है कि वैश्विक बेरोजगारी दर 2024 में बढ़ने वाली है। रिपोर्ट में बढ़ती असमानताएं और स्थिर उत्पादकता को चिंता का विषय बताया गया है। रिपोर्ट की मुख्‍य बातें आर्थिक […]

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बिहार में बागवानी

बिहार में बागवानी बिहार की अनुकूल कृषि जलवायु स्थितियां और गंगा के मैदानी भाग की उर्वर मिट्टी बागवानी को समृद्ध बनाती है जहां विविध प्रकार के फल, सब्जियां, फूल, मसाले, बागानी फसलें तथा औषधीय पौधों को ऊपजाया जाता है। बिहार में बागवानी के महत्‍व को निम्‍न प्रकार समझा जा सकता है। फलों और सब्जियों द्वारा

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बिहार में सिंचाई अवसंरचना

बिहार में सिंचाई अवसंरचना   बिहार के कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सिंचाई अवसंरचना को मजबूत करना जरूरी है क्योंकि बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था मुख्यतः वर्षा पर निर्भर है इस कारण वर्षा पैटर्न में बदलाव फसल उत्‍पादन को प्रभावित कर सकता है । बिहार सरकार राज्य के सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में जल की उपलब्धता

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डेविस एंव पेंक का अपरदन चक्र

अपरदन चक्र-डेविस तथा पेंक का अपरदन चक्र

अपरदन चक्र क्या है धरातल पर अंतर्जात बल (Endogenetic Forces) तथा बर्हिजात बल (Exogenetic force) निरंतर क्रियाशील होते हैं । धरातल पर जैसे ही अंतर्जात बलों द्वारा विषमताओं का निर्माण किया जाता है बर्हिजात बल इन विषमताओं को दूर करने के लिए प्रयत्नशील हो जाते हैं और अंततः उस भाग को समतल प्रायः मैदान में परिवर्तित कर

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जलवायु परिवर्तन तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु भारत के अंतर्राष्‍ट़ीय प्रयास

जलवायु परिवर्तन तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु भारत के अंतर्राष्‍ट़ीय प्रयास को देखा जाए तो विगत कुछ वषों में अनेक प्रयास किए गए हैं। पर्यावरण संबंधी चुनौतियां जैसे वैश्विक तापन, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, भूमि निम्नीकरण आदि का सामना करने तथा पेरिस जलवायु समझौते के प्रति प्रतिबद्धता एवं उसके लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु नीतियों के कार्यान्वयन की

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वेगनर का महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत क्‍या है? वह सिद्धांत जिसके माध्यम से महाद्वीपों और महासागरों की अवस्थिति को समझने का प्रयास किया महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत कहा गया। उल्लेखनीय है कि महाद्वीपों और महासागरों की अवस्थिति वर्तमान में जिस प्रकार से मानचित्र पर दिखाई देती है, हमेशा ऐसी नहीं रही है। इसी क्रम में भविष्य में भी महाद्वीप

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भारत के औद्योगिक प्रदेश

भारत के औद्योगिक प्रदेश-भौगौलिक रूप से विशाल क्षेत्र में फैले हुए भारत में अनेक बड़े तथा छोटे औद्योगिक प्रदेश पाए जाते हैं । ऐसे क्षेत्र जहाँ औद्योगिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक अधिक अनुकूल होते हैं वहां बहुत से उद्योग पनप जाते हैं और वहां उद्योगों का समूह बन जाता है। ऐसे क्षेत्र जहां

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भारत में सिंचाई

वर्षा के अभाव में कृत्रिम रूप से खेतों तक जल पहुंचाने की क्रिया को सिंचाई कहते हैं। भारत की भौगौलिक परिस्थितियां, वर्षा इस प्रकार की है कि कृषि को सफल बनाने हेतु सिंचाई व्यवस्था आवश्यक है। भारत में मानसून वर्षा की अनिश्चितता तथा सिंचाई हेतु पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था नहीं होने के कारण सिंचाई का महत्‍व बढ़

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