Direct benefit transfer scheme

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना

वह व्यवस्था जिसमें लाभार्थी को देय नकद राशि को सरकार, संबंधित संस्था, आदि द्वारा सीधे उसके बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाती है । प्रत्यक्ष लाभ हस्तातरण योजना (DBT) कहलाती है। भारत सरकार द्वारा सब्सिडी के हस्तांतरण को प्रभावी बनाने हेतु प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना की शुरुआत की गयी । वर्ष 2013 में आरंभ होने के बाद से इस योजना में सरकार द्वारा 450 परियोजनाएं शुरू की गयी और और 90 करोड़ से ज्‍यादा लोगों तक पहुंच बना चुकी हैं।

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जहां भारत की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना की सराहना की वहीं विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष ने इस योजना की सफलता से उत्‍साहित होकर अन्‍य देशों को भी इसे अपनाने का आग्रह किया। उल्‍लेखनीय है कि प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण भारत के 85% ग्रामीण परिवार और 69 % शहरी परिवार को भोजन या नकद सहायता प्रदान करने में कामयाब रहा। इस योजना ने करोड़ों लोगों तक अपनी पहुंच बनायी है और विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों को लाभान्वित किया है।

सकारात्‍मक पक्ष/ गुण

  • वित्तीय समावेशन में सहयोगी ।
  • धोखाधड़ी की संभावना कम करते हुए सुरक्षित एवं तेजी से हस्‍तांतरण ।
  • सबसिडी हस्तांतरण पर तीव्रता, पारदर्शिता तथा कुशलता ।
  • सही लाभार्थी की पहचान एवं विकल्प के विस्तार में सहयोगी ।
  • नौकरशाही, परिवहन, भंडारण, भ्रष्टाचार, लीकेज में कमी से सरकारी धन की बचत ।
  • महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक।
  • नकद लाभ होने से वस्तुओं की कालाबजारी पर रोक ।
  • सरकारी सेवाओं के लाभ हेतु कतार में खड़ा होना तथा अन्य परेशानियों से मुक्ति ।
  • सरकारी योजनाओं/सहायता का लाभ सीधे किसानों, छात्रों/युवाओं, महिलाओं, वृद्धों आदि के खाते में स्थानांतरण ।

नकारात्‍मक पक्ष/दोष

  • तकनीक/डिजीटल पहचान होने से कई योग्य लाभार्थी वंचित ।
  • अशिक्षा, वित्तीय समावेशन कमी, भौतिक उपस्थति के कारण बीमार, वृद्ध्, अक्षम तक लाभ पहुचाना कठिन ।
  • नकदी प्राप्ति के कारण पैसे के दुरुपयोग होने की संभावना ।
  • छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की सफल पीडीएस योजनाएं प्रभावित ।
  • तकनीकी अनुप्रयोग होने से आशिक त्रुटि होने पर भी पूरी व्यवस्था प्रभावित ।
  • आधार अनिवार्यता के कारण निजता प्रभावित ।

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण  एवं सामाजिक कल्याण में क्रांतिकारी बदलाव

  • इस योजना ने एक ऐसी सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली विकसित की गयी जिसके माध्‍यम से सरकार द्वारा लाभार्थी से लोगों के बैंक खातों में धन हस्तांतरण को सक्षम किया गया।
  • 2013-14 में आरंभ हुई प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण योजना ने सरकार के कल्याणकारी योजनाओं में रिसाव रोकने, वास्‍तविक लाभार्थी तक पहुंच बनाने तथा सरकारी धन को वास्तविक एवं तीव्र गति से लाभार्थी के आधार लिंकड बैंक खातों में हस्तांतरित करने में काफी मदद की है ।
  • आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 तक प्रधानमंत्री जन धन योजना के 47 करोड़ लाभार्थी हैं 5 लाख बैंक मित्र शाखा रहित बैंकिंग सेवाएं दे रहे हैं और मोबाइल ग्राहकों की संख्या 120 करोड़ से अधिक है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण की मदद से ही पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम कृषि सिंचाई इत्‍यादि योजनाओं के तहत दी जानेवाली वित्‍तीय सहायता को प्रभावी और पारदर्शी रूप से किसानों के खातों में पहुंचायी गयी ।
  • इसके अलावा पीएम आवास योजना, LPG सब्सिडी, योजना संबंधी सब्सिडी, उज्‍जवला योजना में पात्र लाभार्थियों को धन हस्तांतरित करने के लिए सफलतापूर्वक DBT का उपयोग किया जा रहा है ।
  • विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएं, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, आपदाओं में तत्‍काल सहायता, पुनर्वास कार्यक्रमों आदि के लिए भी प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण का उपयोग किया जा रहा है।
  • कोविड महामारी के दौरान प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण नेटवर्क ने सरकारी सहायता को भारत के दूरदराज एवं दूरस्‍थ क्षेत्रों तक पहुंचाने तथा समाज के सबसे वंचितों का समर्थन करने में मदद की ।
  • इस नेटवर्क के माध्‍यम से महामारी एवं लाकडाउन में लोगों को नकद सहायता, सरकार की राशन सहायता, महिला जन धन खाताधारकों को फंड ट्रांसफर आदि के द्वारा काफी राहत पहुंचायी गयी ।

इस प्रकार प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण के माध्‍यम से योजना संबंधी सब्सिडी, कोरोना काल में नकद सहायता में प्रत्यक्ष लाभ हस्तातरण के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए है ।

वर्तमान में बैंकों पर बढ़ते कार्यभार, कुशल मानव संसाधन की कमी, आधारिक संरचना का अभाव, बढ़ता एनपीए, आदि के कारण भारत की बैंकिंग व्यवस्था अत्यंत दबाव में है। अतः प्रत्यक्ष लाभ हस्तातरण में गैर-बैकिंग संस्थाओं, डाकघरों को भी शामिल किया जाना प्रभावी होगा।

 

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