भारत-बांग्लादेश संबंध पृष्ठभूमि
पिछले कुछ वर्षों में भारत एवं बांग्लादेश के बीच संबंधों का स्वर्णिम अध्याय आंरभ हो गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भारतीय प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को सितंबर 2023 में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में भारत की विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने का न्योता दिया है। भारत द्वारा बांग्लादेश को न्योता इस बात की प्रमाण देता है कि भारत अपने पूर्वी पड़ोसी और पड़ोस में ‘सबसे अच्छे दोस्त‘ को काफ़ी प्राथमिकता देता है और भारत के लिए बांग्लादेश बेहद महत्वपूर्ण हैं।
1971 में बने बांग्लादेश के निर्माण में भारत का बहुत बड़ा योगदान है । भारत बांग्लादेश संबंधों को देखा जाए तो स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में खालिदा जिया की सरकार के दौरान भारत विरोधी गतिविधियां, भारत विरोधी आतंकवादी कैंप इत्यादि संचालित होते रहे हैं जिसके कारण भारत-बांग्लादेश के संबंध में कड़वाहट भी रही। उल्लेखनीय है कि खालिदा जिया पाकिस्तान समर्थक मानी जाती है इस कारण से भारत विरोधी गतिविधियों को वह समर्थन करती रही है इस पर रोक हेतु कोई सार्थक प्रयास नहीं करती थी ।
भारत-बांग्लादेश संबंध में सुधार का दौर
वर्ष 2009 से बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार बनने के बाद से भारत-बांग्लादेश के संबंधों में सुधार देखने का मिला। पिछले कुछ वर्षों के घटनाक्रमों को देखा जाए तो भारत-बांग्लादेश संबंध में ऐसे कई अवसर आए जहां पर दोनों देशों के बीच सहयोग एवं आपसी विश्वास बढ़ा है ।
शेख हसीना की सरकार द्वारा जहां भारत विरोधी गतिविधियों, आतंकवादी कैंपों पर रोक लगाई गई वहीं दूसरी ओर 2015 में ऐतिहासिक सीमावर्ती भूमि समझौता भी हुआ । भारत द्वारा नॉन-टैरिफ बैरियर में कमी से आपसी व्यापार में वृद्धि दर्ज हुई और आर्थिक एवं सांस्कृतिक मोर्चों पर भी सहयोग बढ़ा है। पिछले कुछ वषों में आपसी संपर्क को बढ़ाने हेतु ढाका-कोलकात्ता, कोलकात्ता-खुलना ट्रेन परिचालन, बस सेवा, ढाका-कोलकात्ता क्रुज सेवाएं भी संचालित हो रही है।
भारत एवं बांग्लादेश के संबंधों के 50 वर्ष होने, बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती तथा बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी का समारोह के अवसर पर वर्ष 2021 में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा बांग्लादेश की यात्रा की गयी जो संबंधों में एक नए शुरूआत को लाता है। इस यात्रा के दौरान भारत द्वारा देशों के मध्य व्यापार, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य आदि मामलों में सहयोग हेतु सहमति बनी।
भारत बांग्लादेश संबंध- एक नजर
- 1971 से द्विपक्षीय संबंध की शुरुआत।
- 1971 से 1975 तक संबंधों में मधुरता को दौर।
- 1975 से 2009 की अवधि संबंधों में उतार-चढ़ावका दौर।
- 2009 से सकारात्मक दिशा की ओर अग्रसर।
राष्ट्रीय स्तर परभारत के लिए बांग्लादेश का महत्व
- एक्ट ईस्ट नीति की सफलता हेतु- भारत की एक्ट ईस्ट नीति हेतु बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण आधार है। यह दक्षिण पूर्व एशिया तथा उस क्षेत्र के महत्वपूर्ण देशों के साथ राजनीतिक आर्थिक संबंधों में सेतु का कार्य कर सकता है।
- पूर्वोत्तर भारत से संपर्क हेतु – भारत की मुख्य भूमि से पूर्वोत्तर भारत एक पतली भमि की पट्टी से जुड़ा हुआ है जिसे चिकन नेक कहा जाता है। अतः पूर्वोत्तर भारत से संपर्क हेतु बांग्लादेश महत्वपूर्ण हैं।
- पूर्वोत्तर में शांति व्यवस्था हेतु- पूर्वोत्तर भारत में अलगाववाद, हिंसक तथा देश-विरोधी घटनाएं रोकने में बांग्लादेश की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। 2009 के बाद से प्रधानमंत्री हसीना द्वारा पूर्वोत्तर भारत में किए जाने वाले शांति प्रयासों से विद्रोहों और हिंसा में 80% की कमी आई है
- पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक विकास में सहायक- पूर्वोत्तर भारत के राज्य लैंड लॉक्ड है जिनको बांग्लादेश के माध्यम से समुद्री पहुंच मिल सकती है और पूर्वोतर के राज्यों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर परभारत के लिए बांग्लादेश का महत्व
- चीनी कूटनीति के संतुलन हेतु – दक्षिण एशिया में चीन के कूटनीतिक प्रभाव को कम करने में बांग्लादेश का महत्वपूर्ण स्थान है । यदि बांग्लादेश चीन के बजाए भारत के पक्ष में रहता है तो चीन का प्रभाव इस क्षेत्र में नहीं बढ़ेगा एवं मोतियों की माला, OBOR की कूटनीति निष्प्रभावी हो सकती है।
- भारत को दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय शक्ति बनने हेतु- दक्षिण एशिया के संगठनों जैसे सार्क, बिम्सटेक आदि संगठनों में भारत को क्षेत्रीय शक्ति बनने में सहयोग, अनेक महत्वपूर्ण एशियाई देशों जैसे म्यांमार, थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया जैसे देशों से संबंधों को बेहतर बनाने में बांग्लादेश की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- आतंकवाद की समाप्ति हेतु- आतंकवाद को रोकने में बांग्लादेश की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आतंकवाद पर दोनों ही देशों का रुख एक समान है और आतंकवाद को शरण देने वाले देश से दोनों ही देशों ने दूरी बना रखी है। बांग्लादेश ने भारत की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की रणनीति अपनाई।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग- विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों, संस्थाओं, मामलों में भारत को बाग्लादेश के सहयोग मिलता है तो यह भारत के पक्ष में है। कई अवसरों पर बांग्लादेश द्वारा भारत का समर्थन किया गया है।
- आतंकवाद के मामले पर बांग्लादेश द्वारा भारत का समर्थन किया जाता है।
- उरी आतंकवादी हमले के बाद भारत के प्रयासों को देखते हुए बांग्लादेश ने भी इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में भाग लेने से मना कर दिया।
- जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर बांग्लादेश ने भारत का अंदरूनी मामला बताया।
- OIC में बांग्लादेश ने भारत को पर्यवेक्षक राष्ट्र का दर्ज़ा देने का समर्थन किया था।
भारत बांग्लादेश के मध्य अब तक हुए सहयोग के क्षेत्र |
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नदी जल बंटवारा |
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परिवहन कनेक्टिविटी |
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सीमा प्रबंधन |
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आर्थिक सहयोग |
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द्विपक्षीय व्यापार और निवेश |
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ऊर्जा क्षेत्र सहयोग |
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सांस्कृतिक आदान प्रदान |
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बांग्लादेश के लिए भारत का महत्व
- तेजी से विकसित हो रहे बांग्लादेश के लिए भारत ऊर्जा, निवेश, तकनीकी सहायता, संपर्कता आदि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
- वर्ष 2026 तक बांग्लादेश ने अल्प विकसित देशों की सूची से खुद को बाहर निकालने के लक्ष्य में भारत के साथ व्यापार एवं पारगमन साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और बांग्लादेश के बीच बाधारहित परिवहन साधनों के द्वारा दोनों देशों के व्यापार को कई गुना बढ़ाया जा सकता है।
- बांग्लादेश की सशक्त इंटरनेट सेवाओं के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत में आई टी उद्योग के विस्तार की संभावनाएं हैं।
- बांग्लादेश भारत का पड़ोसी देश होने के साथ ऐतिहासिक रूप से भारत का ही भाग था। इस कारण बांग्लादेश अनेक दृष्टिकोण से भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
भावी सहयोग की संभावनाएं
सितम्बर 2022 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के राजकीय दौरे पर आयी । इस राजकीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच एक बैठक हुई जिसमें राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग, रक्षा, सीमा प्रबंधन, व्यापार और संपर्क, जल संसाधन, बिजली और ऊर्जा, विकास सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई तथा अनेक मुद्दों तथा भावी सहयोग पर सहमति बनी ।
क्षेत्रीय एवं आपसी सहयोग
- क्षेत्रीय संगठन इंडियन ओशियन रिम एसोसिएशन, सार्क तथा बिमस्टेक जैसी संस्थाओं में दोनों देश शामिल है तथा आपसी सहयोग से दक्षिण एशिया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
- भारत तथा बांग्ला देश के मध्य ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, तकनीकी सहयोग इत्यदि क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग की काफी संभावनाएं है जो दोनों देशों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
व्यापारिक क्षेत्र में सहयोग
- सितम्बर 2022 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आगमन पर हुई बैठक में के सितम्बर भारत तथा बांग्लादेश सरकार ने अपने अधिकारियों को लंबे समय से लंबित व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर वार्ता आरंभ करने का निर्देश दिया है ।
- भारत तीनों दिशाओं से बांग्लादेश के साथ सबसे लंबी सीमा साझा करता है जो भारत एवं बांग्लादेश के बीच व्यापार का एक प्राकृतिक भूमिका प्रदान करता है। उल्लेखनीय है कि भारत बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार देश है और एशिया में भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है।
- कोविड महामारी के बावजूद दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 44% की अभूतपूर्व दर से बढ़ा ।
बेहतर संपर्कता हेतु सहयोग
- दोनों देश बेहतर संपर्क हेतु सड़क, रेल और अंतर्देशीय एवं तटीय जलमार्ग में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए जो दोनों देशों के बीच व्यापार एवं सहयोग को बढ़ाने में सहायक होगा।
- दोनों देशों ने चटगांव और मोंगला बंदरगाहों के उपयोग पर समझौते के तहत ट्रायल रन के सफलतापूर्वक पूरा होने का स्वागत करते हुए जल्द से जल्द इसके पूर्ण संचालन पर सहमति जतायी।
नदी जल प्रबंधन
- सितम्बर 2022 में भारत एवं बांग्लादेश की साझी सीमा से होकर प्रवाहित होनेवाले कुशियारा नदी जल समझौते को मंजूरी दी गयी जिसके अनुसार सूखे मौसम के दौरान कुशियारा नदी से दोनों देश 153-153 क्यूसेक तक पानी निकाल सकेंगे जिससे दोनों देश अपनी जल संबंधी आवश्यकताएं पूरी कर सकें।
सीमा प्रबंधन
- दोनों देशों ने यह स्वीकारा कि सीमा प्रबंधन एक साझा प्राथमिकता है । दोनों देशों ने सीमा पर होने वाली मौतों में काफी कमी होने पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे शून्य पर लाने पर सहमति जतायी।
- सितम्बर 2022 में दोनों देश जीरो लाइन के 150 गज के भीतर सभी लंबित विकास कार्यों को पूरा करने के लिए काम में तेजी लाने के लिए सहमत हुए जिसमें सीमा को शांतिपूर्ण और अपराध मुक्त सीमा बनाए रखने हेतु त्रिपुरा सेक्टर से शुरू होने वाली बाड़ लगाने का कार्य भी शामिल है।
रक्षा सहयोग
- बांग्लादेश द्वारा सेना के बुनियादी ढांचे तथा आधुनिकीकरण का कार्य किया जा रहा है। भारत के पास बांग्लादेश की रक्षा आवश्यकताओं के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा करने की क्षमता है। इस प्रकार भविष्य में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
ऊर्जा सहयोग
- बांग्लादेश में ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए एनटीपीसी द्वारा रामपाल में 1,320 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र बनाया जा रहा है।
- इसी क्रम में झारखंड बन रहे 1,600 मेगावाट बिजली संयंत्र द्वारा भविष्य में एक समर्पित ट्रांसमिशन लाइन द्वारा बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करने की योजना है। इसके अलावा जल्द ही असम स्थित रिफाइनरी से “मैत्री” पाइपलाइन पूरा होने वाला है जो बांग्लादेश में पेट्रोलियम उत्पादों की डिलीवरी करेगी।
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