प्रश्न-भारत में जनसंख्या निदेशालय द्वारा शहरों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? विभिन्न प्रकार से वर्गीकृत शहरों की 2011 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी एवं उनकी वृद्धि दर पर प्रकाश डालिए। 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की जनसंख्या की विवेचना कीजिए एवं राज्य में कार्यशील जनसंख्या की प्रवृत्ति पर भी प्रकाश डालिए।
उत्तर- भारतीय जनसंख्या निदेशालय द्वारा जनसंख्या, कार्यशील आबादी, नगरपालिका आदि के आधार पर भारतीय नगरों का वर्गीकरण किया जाता है जिसके आधार पर निमन भारतीय नगर के रूप में वर्गीकृत किए जा सकते हैं
- वैधानिक नगर- प्रत्येक स्थान जहां नगर पालिका निगम, छावनी बोर्ड, या अधिसूचित नगर क्षेत्र समिति है।
- जनगणना नगर- वैसे क्षेत्र जो निम्न जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं:-
- कम से कम 5000 लोगों की आबादी।
- कम से कम 75% पुरुष प्राथमिक कामकाजी आबादी द्वारा गैर-कृषि कार्य।
- जनसंख्या घनत्व कम से कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर।
जनसंख्या निदेशालय द्वारा उपरोक्त प्रकार से वर्गीकृत किए गए नगरों की जनसंख्या देखा जाए तो स्पष्ट होता है कि
- 2001 से 2011 के बीच वैधानिक नगरों की संख्या में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि इसी अवधि में जनगणना नगरों की संख्या में 185.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।
- 2011 के जनगणना आँकड़ों के अनुसार भारत में नगरीकरण की दर 31.16% है जबकि 2001 में यह आकड़ा 81% था।
इस प्रकार भारत में नगरों की संख्या विशेषकर जनगणना नगरों की तथा नगरीय जनसंख्या तथा तीव्र वृद्धि हुई है। ऑक्सफोर्ड इकॉनोमिक के अनुसार 2019 से लेकर वर्ष 2035 के बीच सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले सभी शीर्ष दस शहर भारत के ही होंगे। इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत की आधी आबादी महानगरों और शहरों में रहने लगेगी। इस प्रकार भारती तीव्र गति से नगरीकरण की ओर बढ़ रहा है।
बिहार की जनसंख्या को देखा जाए तो यह तीव्र गति से बढ़ रहीं है जो निम्न तथ्यों से स्पष्ट होता है।
- 2011 के अनुसार बिहार की जनसंख्या 3 करोड़ थी जो 2011 में बढ़कर 10.28 करोड़ हो गई। जिसमें पुरुष आबादी का 52.1 प्रतिशत तथा महिला आबादी का 48.9 प्रतिशत योगदान है।
- राष्ट्रीय स्तर पर दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर जहां 17.7% है वहीं बिहार में यह वृद्धि 4% है।हांलाकि यह राहत की बात है कि बिहार के दशकीय वृद्धि दर में कमी आई क्योंकि 1991-2001 के बीच तो यह दर 28.6% थी।
- क्षेत्रफल के अनुसार भारत का 13वां सबसे बड़ा राज्य जनसंख्या के अनुसार तीसरा सबसे बड़ा राज्य है जिसका जनघनत्व 1106 है जो संसाधनों पर उच्च दबाव को दर्शाता है।
- शहरीकरण में देखा जाए तो राष्ट्रीय शहरीकरण के 2% की तुलना में बिहार में केवल 11.3% पर ही है। इस प्रकार भारत की कुल जनसंख्या का 8.6% वाले राज्य में कुल शहरी आबादी केवल 3.1% होना निम्न नगरीकरण दर्शाता है।
बिहार में कार्यशील आबादी एवं उसकी प्रवृत्ति
- बिहार कृषि प्रधान राज्य है जहां कि अधिकांश आबादी कृषि, उससे संबंधित गतिविधियों में संलग्न है। 2011 के अनुसार कुल जनसंख्या में से लगभग 3.4 करोड़ कार्यशील आबादी है जिनमें 5% श्रमिक जहां मुख्य कार्य के रूप में 6 महीने से अधिक रोजगार करते हैं वहीं 38.5% 6 महीने से कम समय वाली रोजगार गतिविधि में शामिल थे।अत: यह आवश्यक है कि भावी कार्यशील आबादी को बेहतर कार्य स्थितियां उपलबध हो तथा आर्थिक विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो।
- उल्लेखनीय है कि बिहार की आनेवाले दिनों में डेमोग्राफिक डिविडेंड की स्थिति में होगा। ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि 15 से 29 वर्ष के युवाओं को बेहतर शिक्षा एवं कौशल से दक्ष किया जाए ताकि बिहार की आर्थिक क्रियाओं में उनकी उल्लेखनीय भूमिका हो और बिहार विकसित राज्य बनने की ओर अग्रसर हो।