इसरो चन्‍द्रयान-3 मिशन-bpsc-mains-answer

प्रश्‍न- इसरो के द्वारा चन्‍द्रयान-3 मिशन के विशेष संदर्भ में भारत की उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति की स्थिति, अंतरिक्ष अन्‍वेषण में की गयी उम्‍मीदों और उपलब्धियों से कैसे मेल खाती है? वैश्विक अंतरिक्ष पटल पर प्रमुख खिलाड़ी बनने की भारत की यात्रा में इस मिशन के लक्ष्‍यों एवं भूमिका का विवेचन कीजिए। (69th BPSC Mains)

 

उत्‍तर- इसरो का चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष प्रयासों में नए युग का प्रतीक है जिसने प्रत्‍येक भारतीयों की उम्‍मीदों के अनुरूप चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव के पास सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर संपूर्ण जगत को भारतीय अंतरिक्ष शक्ति का अहसास कराया। चन्‍द्रयान-3 इसरो के सफलतम अंतरिक्ष मिशनों से एक है जिसके उद्देश्‍यों और उपलब्धियों को निम्‍न प्रकार समझा जा सकता है।

  • चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना।
  • रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करना।
  • स्व-स्थाने वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना।

चंद्रयान-3 मिशन में शामिल तीन प्रमुख घटकों में प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर मॉड्यूल महत्‍वपूर्ण है प्रोपल्‍शन मॉडयूल चन्‍द्रमा तक पहुंचाने में महत्‍वपूर्ण रहा तो लैंडर मॉडयूल चन्‍द्रमा की सतह तथा वायुमंडलीय अध्‍ययन करनेवाले उपकरणों से युक्‍त था । इसी क्रम में रोवर मॉडयूल लैंडिंग स्‍थल के आसपास के क्षेत्रों मौलिक संरचनाओं की जांच कर चन्‍द्रयान-3 की सफल लैंडिंग करायी गयी।

चन्‍द्रयान-3 अंतरिक्ष अन्‍वेषण में इसरो की उम्‍मीदों पर खरा उतरा जब अगस्‍त 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल सॉफ्ट लैंडिंग की । इसी क्रम में रोवर ने चन्‍द्रमा पर परिभ्रमण कराते हुए मानव जाति एवं बाह्य अंतरिक्ष संबंधों को रूपांतरित करने में भारत की नेतृत्‍वकारी भूमिका निभाने का अवसर प्रस्‍तुत किया । इस मिशन ने भारत को सॉफ्ट लैंडिंग क्षमता, डॉकिंग प्रौद्योगिकी और स्मार्ट स्पेस रोबोट प्रौद्योगिकी क्षमता जैसी उपलब्धियां से भी लैस किया।

इस प्रकार चन्‍द्रयान-3 मिशन द्वारा भारत को अंतरिक्ष अन्‍वेषण में प्राप्‍त उपलब्धियां भारत को वैश्विक जगत में एक महत्‍वपूर्ण अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्‍थापित करने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकती है जिसे निम्‍न प्रकार समझा जा सकता है।

  • चन्‍द्रयान-3 द्वारा भारत जहां चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनेवाले पहला देश बना वहीं इस क्षमता को प्रदर्शित करने वाले रूस, अमेरिका और चीन के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया।
  • भारत के स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन और कक्षा को ‘डि-क्लटर’ (declutter) करने के प्रयास अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारतीय नेतृत्व को प्रदर्शित करते हैं। 
  • यह मिशन अंतरिक्ष अन्‍वेषणों में भारतीय नेतृत्‍व क्षमता का प्रदर्शन करता है।
  • मिशन से प्राप्‍त अनुभव भविष्‍य में पुन:प्रयोज्‍य लांच व्‍हीकल विकास करने में सहायक।

इस प्रकार यह मिशन वैश्विक स्‍तर पर अंतर-ग्रहीय विज्ञान मिशन, अंतरिक्ष पिंडों के अध्‍ययन,  अंतरिक्ष अन्‍वेषण, सस्‍ते एवं सुरक्षित अंतरिक्ष पर्यटन, बेहतर अंतरिक्ष उपकरण निर्माण में भारत की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता है।   

चन्‍द्रयान 3 की उपलब्धियां न केवल भारत को न केवल वैश्विक अंतरिक्ष शक्तियों की श्रेणी में शामिल करता है बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष पटल पर एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए भारत के पक्ष में एक महत्‍वपूर्ण दावेदारी प्रस्‍तुत करता है।

 

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