69th BPSC Mains answer writing- indian Monsoon

भारतीय मानूसन तंत्र की क्रियाविधि एवं विशेषता-bpsc mains

प्रश्‍न- भारतीय मानूसन तंत्र की क्रियाविधि एवं विशेषताओं का विश्‍लेषण करें।(69th BPSC Mains)

उत्‍तर- भारतीय मानसून अस्‍थायी पवन है जो अल-नीनो, ला-नीना, जेट स्‍ट्रीम, हिंद महागसार द्विध्रुव जैसे कारकों से प्रभावित होती है।

तापीय संकल्‍पना के अनुसार ग्रीष्‍मकाल में भारत के स्थलीय भाग सागरों की अपेक्षा अधिक गर्म होने से न्‍यून दाब क्षेत्र बन जाते हैं जिससे सागरीय भागों से नमीयुक्‍त हवाएं स्थल की ओर चलने लगती हैं। इसके विपरित शीतकाल में सागरीय भाग न्‍यून दाब तथा स्थल उच्च दाब केंद्र बन जाते हैं जिससे हवाएं स्‍थलीय भाग से सागरीय भागों की ओर चलने लगती है।

भारतीय मानसून की विशेषताएं

  • ग्रीष्‍मकाल की दक्षिणी पश्चिम मानूसन हवाएं नमीयुक्‍त होने से ज्‍यादा वर्षा लगभग 80 प्रतिशत कराती है जबकि शीतकाल की उत्‍तर पूर्वी मानसून हवाएं अपेक्षाकृत शुष्‍क होने से पर्याप्‍त वर्षा नहीं कर पाती।
  • दक्षिणी पश्चिम मानूसन की 2 शाखाएं है- अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी शाखा।
  • अधिकांश वर्षा जून से सितम्‍बर के बीच होती है जिसकी क्षेत्रीय मात्रा, तीव्रता निश्चित नहीं होती।

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए महत्‍वपूर्ण मानसून क्रियाविधि जटिलताओं तथा विशेषताओं से युक्‍त है जिसकी सटीक भविष्‍यवाणी करना कठिन है।  

 

 

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