प्रश्न- भारतीय संविधान से संबंधित मूल ढांचे के सिद्धांत का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (69th BPSC Mains)
उत्तर- भारतीय संविधान में निहित आधारभूत विशेषताएं और सिद्धांत जिन्हें संशोधन द्वारा बदला या नष्ट नहीं किया जा सकता है, संविधान का मूल ढांचा कहलाता है जैसे- संविधान की सर्वोच्चता, लोकतंत्र, न्यायिक समीक्षा, संघीय ढांचा आदि।
मूल ढांचे के सिद्धांत संबंधी संवैधानिक व्यवस्था न होने से जहां सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णयों द्वारा इसे पुष्ट करते हुए संविधान के मूल उद्देश्यों एवं भावनाओं को सुरक्षित रखा वहीं सूची स्पष्ट न होने, न्यायालय के विविकाधिकार पर आधारित होने, न्यायालय द्वारा सुरक्षा कवच के रूप में उपयोग करने आदि कारणों से आलोचना भी होती है।
इस सिद्धांत के कारण कई अवसरों पर विधायिका एवं न्यायपालिका में टकराव देखने में आया जब इस सिद्धांत के आधार पर न्यायपालिका द्वारा विधायिका द्वारा पारित कानूनों को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया। न्यायिक नियुक्ति आयोग इसी का उदाहरण है।
इस सिद्धांत में व्याप्त कमियां के बावजूद यह महत्वपूर्ण है। आवश्यकता इस बात की है कि व्यवस्था के सभी अंग संतुलन एवं रोक सिद्धांत के आधार पर संवैधानिक उद्श्यों को प्राप्त करने हेतु कार्य करें।
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