69th BPSC Mains question answer

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प्रश्‍नविधायी संस्‍थाओं की निर्णय निर्माण प्रकिया में कृत्रिम बौद्धिक क्षमता की भूमिका का मूल्‍यांकन कीजिए। (69th BPSC Mains Model answer)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता  का तात्‍पर्य मशीनों में विकसित की गयी बौद्धिक क्षमता है जो मानव की सोचने और कार्य करने में सक्षम होता है। कृत्रिम बौद्धिक क्षमता का विधायी संस्थाओं की निर्णय निर्माण प्रक्रिया में विविध उपयोग किया जा सकता है जिसे निम्‍न प्रकार समझ सकते हैं-

  • विभिन्न स्रोतों से डेटा संग्रहण, विश्लेषण द्वारा नीति निर्माण, बजट आवंटन, निगरानी और मूल्यांकन में ।
  • भावी योजनाओं के मसौदा तैयार करने, अनुमानित प्रभाव आकलन एवं जोखिम प्रबंधन द्वारा बेहतर नीति निर्माण में ।
  • नागरिक, संगठन, मीडिया, विशेषज्ञ, अन्‍य विभागों, संस्‍थाओं आदि के साथ जानकारी शेयर कर सुझाव, समस्याओं के समाधान।
  • विभिन्‍न भाषाओं, रूपों में प्राप्‍त तथ्‍यों/आंकड़ों के अनुवाद, विश्‍लेषण, बेहतर निष्‍कर्ष प्राप्‍त करने में।

इस प्रकार कृत्रिम बौद्धिक क्षमता का उपयोग करके विधायी संस्थाओं की निर्णय निर्माण प्रक्रिया संबंधी कार्यों और प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावशाली,  निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में सहायता मिलेगी।

भारत में विधायी संस्थाओं की निर्णय निर्माण प्रक्रिया और नीति विश्लेषण में कृत्रिम बौद्धिक क्षमता के उपयोग की दिशा में संभावनाओं और चुनौतियों को पता लगाने की दिशा में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2022, ड्राफ्ट राष्ट्रीय डेटा प्रबंधन ढांचा लाया गया लाया गया। चूंकि कृत्रिम बौद्धिक क्षमता डेटा के आधार पर कार्य करती है। अत: अपूर्ण डेटा, एल्गोरिथम भेदभाव, निर्णय में मानवीय भावनाओं की कमी से डेटा पूर्वाग्रह, अस्पष्ट जवाबदेही, गोपनीयता उल्लंघन जैसे नैतिक जोखिम तथा त्रुटिपूर्ण निष्‍कर्ष की संभावनाएं भी है जिनको ध्‍यान में रखा जाना आवश्‍यक होगा।

69BPSC Mains के अन्‍य Model Answer को देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक से जाए।

BPSC Mains Model Answer

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