अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन वेतन प्रतिवेदन 2022-23

69thBPSC PYQ वैश्विक वेतन प्रतिवेदन 2022-23

प्रश्‍नवैश्विक वेतन प्रतिवेदन 2022-23 के मापदंडों एवं प्रभावों का विवरण दीजिए।

उत्‍तर- अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी वैश्विक वेतन प्रतिवेदन 2022-23 को वैश्‍विक स्‍तर पर वेतन, रोजगार, मुद्रास्‍फीति कोविड 19 महामारी के प्रभाव जैसे मापदंडों के आधार पर तैयार किया गया । यह रिपोर्ट वैश्विक अर्थव्यवस्था और श्रम बाजार के संदर्भ और महामारी के कारण वेतन पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाती है जिसका विवरण निम्‍नानुसार है

वैश्विक वेतन

  • 21वीं के बाद 2022 पहली नकारात्मक वैश्विक वेतन वृद्धि दर्ज की गई थी। भारत में, नाममात्र वेतन 2006 में 4,398 से बढ़कर 2021 में 17,017 प्रति माह हो गया।

मुद्रास्‍फीति एवं जीवनयापन

  • निम्‍न एवं मध्‍यम आय देशों की तुलना में उच्‍च आय वाले देशों में मुद्रास्‍फीति तेजी से बढ़ी ।
  • जीवनयापन की बढ़ती लागत का सर्वाधिक प्रभाव कम आय वाले लोगों पर पड़ता है क्योंकि वे अपनी अधिकांश डिस्पोजेबल आय आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च करते हैं, जो सामान्‍यत: गैर-आवश्यक वस्तुओं की तुलना में अधिक मूल्य वृद्धि का अनुभव करते हैं।

कोविड 19 महामारी का प्रभाव

  • महामारी ने अनौपचारिकता को बढ़ाया श्रमिकों की मजदूरी की हानि, आय में कमी हुई। इस अवधि में बेरोजगारी भी बढ़ी जिससे 75 से 95 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी श्रेणी में चले गए।

निष्‍कर्ष

रिपोर्ट के अनुसार सबसे कम वेतन पाने वालों की क्रय शक्ति को बरकरार नहीं रखा गया तो आय असमानता और गरीबी बढ़ेगी । अत: वेतनभोगी श्रमिकों क्रय शक्ति और जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए रोजगार वृद्धि एवं वित्‍तीय सहायता हेतु बेहतर नीतिगत उपायों की आवश्यकता है।

 

69BPSC Mains के अन्‍य Model Answer को देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक से जाए।

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