प्रश्न- भारतीय संवैधानिक पाठ के अनुसार राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संस्थागत संबंध पर चर्चा कीजिए। वर्तमान संदर्भ में उनकी बदलती भूमिका पर चर्चा कीजिए (69th BPSC Mains)
उत्तर- भारतीय शासन व्यवस्था में राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री दोनों महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है जिनके संस्थागत संबंधों को निम्न अनुच्छेदों के माध्यम से समझा जा सकता है
- अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा।
- अनुच्छेद 75 के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति और प्रधानमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
- अनुच्छेद 78 के अनुसार राष्ट्रपति एवं मंत्रिमंडल के बीच प्रधानमंत्री महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हुए मंत्रिमंडल के निर्णयों, महत्वपूर्ण मामलों एवं जानकारी से राष्ट्रपति को तक पहुंचाते हैं।
- प्रधानमंत्री के कर्तव्य हैं कि वह भारत संघ के विभिन्न कार्यों एवं उसकी जानकारी, मांगी गयी सलाह राष्ट्रपति को उपलब्ध कराएं।
- इसके अलावा विभिन्न अधिकारियों की नियुक्ति में परामर्श, अंतर्राष्ट्रीय संधि आदि जो राष्ट्रपति के नाम से होते हैं उनमें प्रधानमंत्री की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
इस प्रकार राष्ट्रपति एवं मंत्रिमंडल के बीच प्रधानमंत्री महत्वपूर्ण कड़ी है तथा राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण एवं सहयोगात्मक है जो भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं।
अतीत में देखा जाए तो राजेन्द्र प्रसाद से लेकर अबुल कलाम के काल तक कुछ मामलों जैसे हिन्दू कोड बिल, फांसी को सजा के रूप में देने आदि पर इनके संबंधों में असहमति देखी गयी लेकिन पिछले कुछ वर्षों में देखा जाए तो राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के संबंध सामान्य रहे हैं। वर्तमान में कुछ ऐसे मुद्दे रहे हैं जिनमें राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के संबंधों में बदलाव देखा गया जिसे निम्न प्रकार देखा जा सकता है
- राष्ट्रपति का केन्द्रीय विधायिका के महत्वपूर्ण अंग और राष्ट्र के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने के बावजूद संसद भवन के नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना।
- कई अवसरों पर विभिन्न मामलों में राष्ट्रपति को सूचना देने, सलाह लेने जैसे संवैधानिक प्रक्रियाओं का प्रधानमंत्री द्वारा पालन नहीं किया जाना।
- कानून एवं नीति निर्माण जैसे मुद्दों पर मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रपति के साथ विचारों एवं सलाहों के आदान-प्रदान में कमी देखा जाना।
- राष्ट्रपति की सेवानिवृत्ति के बाद किसी समिति की अध्यक्षता दिया जाना।
इस प्रकार कुछ मामलों में प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के संबंधों एवं कार्यों में बदलाव देखा जा सकता है फिर भी यह कहा जा सकता है कि पूर्व की अपेक्षा वर्तमान संबंध सामान्य एवं सहयोगात्मक हैं।
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